बीती जायें जिन्दगानी, जीवन दो दिन का।। बीती जायें जिन्दगानी, जीवन दो दिन का।।
जहाँ लोग नेतागिरी से ज्यादा, चमचागिरी में खुश हो। जहाँ लोग नेतागिरी से ज्यादा, चमचागिरी में खुश हो।
अपने शौक मारे हैं इन्होंने अपने शौक मारे हैं इन्होंने
तब शायद राधा राधा होगी और मीरा केवल मीरा। तब शायद राधा राधा होगी और मीरा केवल मीरा।
कहते तुम थे बेटे उनके ये बात मुझे याद है तुम बेटे तो मैं बहू हूँ आज उनका श्राद्ध है। कहते तुम थे बेटे उनके ये बात मुझे याद है तुम बेटे तो मैं बहू हूँ आज उनक...
कोई भी मुसीबत ले सकती हैं मोल, माँ की निःस्वार्थ ममता सदा है अमोल। कोई भी मुसीबत ले सकती हैं मोल, माँ की निःस्वार्थ ममता सदा है अमोल।